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परिकल्पना
उत्तर प्रदेश में 31 लाख एम0एस0एम0ई कार्यरत है। यह संख्या देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है और देश में स्थित कुल एम0एस0एम0ई का लगभग 12 प्रतिशत है। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में उद्योगों की भागीदारी भी 24 प्रतिशत है जो कृषि क्षेत्र के लगभग बराबर है। इस भागीदारी में एम0एस0एम0ई का 50 प्रतिशत के लगभग योगदान है। प्रदेश की लगभग 4 करोड़ जनसंख्या का भरण पोषण भी एम0एस0एम0ई कर रहे हैं।
उपरोक्त आँकड़ो से स्पष्ट है कि प्रदेश एवं देश की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति के लिए एम0एस0एम0ई की उन्नति अनिवार्य है।
MSMEs की समस्याए एवं प्राथमिकताए बड़े उद्योगों से भिन्न होती है। इसे ध्यान में रखते हुए देश एवं प्रदेश में MSMEs के लिए अनेक योजनाएँ और सुविधाएँ घोषित की गई है। इन योजनाओं और सुविधाओ का या, तो व्यापक प्रचार प्रसार नही है अथवा इनका सही ढ़ग से क्रियान्वयन नही हो रहा है। इसके अतिरिक्त आज MSME उद्यमी की अन्य अनेक समस्याये भी है जो टेक्नोलॉजी कम्पटीशन, ऋण, नियम एवं कानून, विपणन, मैनपावर और कौशल विकास इत्यादि से सम्बन्धित है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी नई औद्योगिक नीतियों की घोषणा हाल ही में की है जिनमें MSMEs के उत्थान की अनके योजनाएँ हैं। इन योजनाओं से भी प्रदेश के उद्यमियों को भिज्ञ करवाने की आवश्यकता है।
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